Eight Yoga Tips | योग की सिर्फ आठ टिप्स रखेगी निरोगी एवं खुश

Eight Tips Of Yoga for Happy Life | योग की सिर्फ आठ टिप्स रखेगी निरोगी एवं खुश :

योग से कोई भी व्यक्ति जीवन को निरोगी, सुखद और सुंदर बना सकता है। योग सिर्फ आसन नहीं है। योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, क्रिया, मुद्रा आदि सभी का समावेश है। सभी को अपनाकर ही कोई व्यक्ति योगी बनता है। लेकिन आधुनिक मनुष्य के लिए यह सब संभव नहीं है। इसीलिए हमने योग के कुछ चुनिंदा क्रियाओं को यहां संक्षिप्त में बताया है। इन्हें अपनाकर आप जीवनभर निरोगी और खुश तो रहेंगे ही साथ ही आप जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने की क्षमता भी हासिल कर लेंगे। Eight Yoga Tips for Happy Life | योग की सिर्फ आठ टिप्स रखेगी निरोगी एवं खुश
1.यम और नियम : यम पांच है- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। नियम भी पांच है- शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्राणिधान। कुल मिलाकर 10 होते हैं जिनमें से आप सत्य और शौच को अपना सकते हैं।
2.आसन : आसन या योगासन तो कई है लेकिन सूर्य नमस्कार में लगभग अधिकतर आसनों का समावेश है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार और शवासन को करके आप शारीरिक और मानसिक रूप में सुदृढ़ हो सकते हैं।
3.प्राणायाम : प्राणायम भी कई है लेकिन नियमित रूप से नाड़ीशोधन प्राणामाम किया जाना चाहिए। यह उम्र और आत्मविश्वास बढ़ाने तथा तनाव घटाने में सहायक है। कमर-गर्दन सीधी रखकर एक नाक से धीरे-धीरे लंबी गहरी श्वास लेकर दूसरे स्वर से निकालें, फिर उसी स्वर से श्वास लेकर दूसरी नाक से छोड़ें। 10 बार यह प्रक्रिया करें। इससे हृदय और मस्तिष्क में शांति मिलती है।>
4.प्रत्याहार : वासनाओं की ओर जो इंद्रियाँ निरंतर गमन करती रहती हैं, उनकी इस गति को अपने अंदर ही लौटाकर आत्मा की ओर लगाना या स्थिर रखने का प्रयास करना प्रत्याहार है। जिस प्रकार कछुआ अपने अंगों को समेट लेता है उसी प्रकार इंद्रियों को इन घातक वासनाओं से विमुख कर अपनी आंतरिकता की ओर मोड़ देने का प्रयास करना ही प्रत्याहार है।
5.धारणा : चित्त का देश विशेष में बँध जाना धारणा है। धारणा हमारे चित्त की वह गति है जिससे भविष्य का निर्माण होता है। निरंतर चिंतन, चिंता या अभ्यास के द्वारा जब कोई विचार पुष्ट हो जाता है तो वह धारणा बन जाता है। अत: हमेशा चित्त को एकाग्र करके अच्छे विचारों या ईश्‍वर पर ध्यना लगाएं। धारणा से ही व्यक्ति दृड़ निश्चियी बनता है। निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। Eight Tips Of Yoga for Happy Life | योग की सिर्फ आठ टिप्स रखेगी निरोगी एवं खुश
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6.क्रिया : क्रियाएं महत्वपूर्ण होती है। नेती, धौति, बस्ती, न्यौली, त्राटक, कपालभाति, धौंकनी, बाधी, शंख प्रक्षालयन आदि योग की क्रियाएं हैं। उक्त क्रियाओं से शरीर की आंतरिक शुद्धि होती है। यह क्रियाएं थोड़ी कठिन है। आप इनमें से अपनी सुविधानुसार किसी एक में पारंगत होने का प्रयास करें।
7.मुद्रा : मुद्राएं दो तरह की होती है। एक योगमुद्रा और दूसरी हस्तमुद्रा। आप सभी तरह की हस्तमुद्राएं आसानी से सीख सकते हैं। प्रत्येक मुद्रा के चमत्कारिक लाभ मिलते हैं। प्रत्येक मुद्रा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के अलावा भी बहुत कुछ देती है।
8.ध्यान : लगभग 5 से 10 मिनट तक आप आंखें बद करके श्वास-प्रश्वास पर ध्यान दें। सिर्फ श्वांसों के आवागमन पर ही ध्यान देते रहे। इस दौरान प्रयास करें की कोई विचार मन या मस्तिष्क में न चले। चल रहे हों तो वहां से ध्यान हटाकर पुन: श्वास-प्रश्वास पर ध्यान दें। निरंतर और प्रतिदिन के अभ्यास से विचारों की संख्‍या कम होने लगेगी। शर्तिया यह चमत्कारिक लाभ देने वाला सिद्ध होगा। Eight Tips Of Yoga for Happy Life | योग की सिर्फ आठ टिप्स रखेगी निरोगी एवं खुश

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