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यौन (गुप्त) रोग होने के क्या कारण होते है ? | Causes of sexual diseases
गुप्त रोग एक संक्रमण है जो यौन संचारित होता है उसे यौन संचारित रोग या गुप्त रोग के नाम से जाना जाता है। यह कई तरह से फैलता है जैसे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस इनमें से कुछ संक्रमणों का कारण बनते हैं, जो वीर्य, योनि द्रव, रक्त या शरीर से निकलने वाले अन्य तरल पदार्थों के माध्यम से फैलते हैं। यह एक इंसान से दूसरे को फैल सकता है इसलिए खासकर सेक्सुअली एक्टिव लोगो को सलाह दी जाती है की अनप्रोटेक्टेड सेक्स न करें | Causes of sexual diseases
गुप्त रोग या यौन संचारित रोग उन व्यक्तियों से भी हो सकते हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ दिखते हैं। इनमें से कुछ संक्रमण गैर-यौन रूप से भी फैल सकते हैं, जिनमें गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान, एक ही सुई कई लोगों ने इस्तेमाल किया हो या गुप्त रोग से संक्रमित इंसान का खून चढ़ा देने से। हालांकि, लक्षणों की पहचान करना आसान है; इसलिए, जैसे ही लक्षण दिखे तो डॉक्टर की सलाह लें l इसके साथ ही साथ हमने शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और शीघ्रपतन का इलाज की आयुर्वेदिक दवा के बारे में भी बताया है l
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डी.एन.एस. आयुर्वेदा क्लिनिक
DNS Ayurveda Clinic
वजीरगंज, गोलागंज, निकट क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 226018
गुप्त रोग के लक्षण क्या हैं? | Causes of sexual diseases :
नीचे ऐसे लक्षण दिए गए हैं जिनसे आप यौन संचारित संक्रमणों की पहचान कर सकते हैं:
- प्राइवेट पार्ट्स या जननांगों में थक्के और मवाद से भरे घाव।
- पेशाब के दौरान कठिनाई या सूजन होना l
- योनि या लिंग से में इर्रिटेशन/खुजली होना ।
- सेक्स के दौरान दर्द या बेचैनी होना l
- योनि या लिंग में खून का आ जाना ।
- जननांगों में सूजन का होना l
- बुखार सा महसूस होना l
- रैशेज और खुजली का सही न होना।
- लिंग या योनि में अजीब तरह की बदबू का आना l
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यौन संचारित संक्रमण के कारण क्या हैं? | Causes of sexually transmitted diseases :
गुप्त रोग और यौन संचारित रोग (एसटीडी)/ Sexually transmitted disease (STD) के कारण इस प्रकार हैं:
गोनोरिया, सिफलिस और क्लैमाइडिया सहित बैक्टीरिया, से गुप्त रोग हो सकता है – ट्राइकोमोनिएसिस जैसे पैरासाइट से भी एसटीडी का कारण बनते हैं एचपीवी (Human papilloma virus), जननांग दाद और एचआईवी (HIV) सहित वायरस की वजह से भी गुप्त रोग हो सकता है । हालांकि, एक रोगी किसी भी यौन संपर्क से भी संक्रमित हो सकता है। संक्रमणों में हेपेटाइटिस ए, बी, और सी वायरस, शिगेला और गियार्डिया शामिल हैं।
यौन संचारित संक्रमणों के लिए जोखिम कारक (Risk Factor) क्या हैं?
जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- असुरक्षित यौन संबंध: कंडोम के बिना या किसी और तरह के प्रोटेक्शन के यौन संबंध बनाने से पुरुषों में गुप्त रोग होने का खतरा बढ़ सकता है।
- एक से ज़्यादा सेक्सुअल पार्टनर : कई लोगों के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होना भी गुप्त रोग का कारण हो सकता है।
यौन संचारित संक्रमणों की जटिलताएं (Complications) क्या हैं ?
अगर सही से गुप्त रोग का इलाज न किया गया तो यह निम्नलिखित जटिलताओं को जन्म दे सकता है जैसे-
- – जनांग में दर्द होना
- – जनांग में पस का आना
- – बांझपन/ इनफर्टिलिटी
- – कैंसर
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Treatment of sexual problems | यौन संचारित संक्रमणों का इलाज :
- कुर्स सोजाक (Kurs Sojak)- इसमें इलैची खुर्द, बुरादा संदल सफेद , बंसलोचन , सत् बेहरोज़ा , कबाबचीनी , होता है, इसकी 2 गोलियां सुबह-शाम दूध के साथ और बिना चीनी के सेवन करें l
- शरबत-ए-उन्नाब (Sharbat-e-Unnab)- 2 चम्मच दिन में दो बार – ये एन्टीबैक्टिरल और एंटी फंगल की तरह काम करता है l
- इत्रिफल शाहतारा ( Itrifal-Shahtara Hamdard) 1 चम्मच दिन में दो बार पानी मे देना चाहिए – ये बदन से टॉक्सिन्स (Toxins) को निकलता है l
- माजून अरद खुरमा (Hamdard)- यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और शीघ्रपतन का इलाज की आयुर्वेदिक दवा है इसको रात में हलके गरम दूध में १ चम्मच मिला कर पियें |
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श करें, डी.एन.एस.आयुर्वेदा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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