Danger for children | बच्चों को चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना रहा कंप्यूटर व मोबाइल

कंप्यूटर व मोबाइल से जुड़ा ख़तरा:

बच्चों में चिड़चिड़ापन और गुस्सैल स्वभाव बढ़ रहा है। अमेरिका के वाशिंगटन शहर में एक अध्ययन में पाया गया है कि बच्चों को मोबाइल फोन, कंप्यूटर स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताने से चिंता के लक्षण बढ़ रहे हैं। हालांकि कनाडा के एक पत्रिका में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है, जिसमें विडियो गेम को सूची से बाहर रखा है। Computer and mobile danger for children बच्चों को चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना रहा कंप्यूटर व मोबाइल

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शोधकर्ताओं ने यह पाया कि अधिक समय तक टेलीवीजन देखना, कंप्यूटर का उपयोग करने से बच्चों में चिंता बढ़ती है। इसके अलावा लगातार चार सालों तक सोशल मीडिया का उपयोग करने से बच्चों में चिंता के लक्षण बढ़ते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि अगर कोई टीन एजर बच्चा सोशल मीडिया, टेलीवीजन, और कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल किया, जिस कारण चिंता के लक्षण क्रमशः बढ़ते गए।

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एक मनोवैज्ञानिक शोधकर्ता का कहना है की जब बच्चों ने सोशल मीडिया, टेलीवीजन और कंप्यूटर का इस्तेमा कम किया तो उसके भीतर चिंता के लक्षण कम पाए गए।

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शोधकर्ताओं ने 12 से 16 साल की उम्र के लगभग 4 हजार बच्चों पर रिसर्च किया। जिसमें यह पाया गया गया कि सभी बच्चे चिंता से ग्रसित थे। शोधकर्ताओं ने बताया कि ये बच्चे सोशल मीडिया पर और डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय बिताते थे। 12 से 16 साल साल के बच्चों ने खुद से एक रिपोर्ट को भरा जिसमें उनके द्वारा यह दर्शाया गया कि वे कितनी देर मोबाइल फोन और कम्यूटर स्क्रीन के सामने अपना समय व्यतीत किया।

जो बच्चे अधिक समय तक मोबाइल फोन और टीवी स्क्रीन के सामने अपना अधिक समय बिताते थे उनमें चिंता का स्तर क्रमशः बढ़ा। डॉ. पेट्रीसिया कॉनरोड जो कि मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर हैं, उनका कहना है कि अगर टीन एज के बच्चे टीवी स्क्रीन के सामने कम समय बिताए तो उनमें चिंता का स्तर कम हो सकता है।
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