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फंगल इन्फेक्शन | 4 गुना बढ़े मरीज, 5 में से 4 दवाइयां हुईं बेअसर
बढ़ रहे फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) के मरीज़, कई दवाएँ हुई बेअसर:
इन दिनों घर-घर में लोग फंगल इन्फेक्शन (त्वचा की बीमारी) से परेशान हैं। पांच साल में मरीजों की संख्या चार गुना हो गई है। जितनी तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी, उसकी दोगुना तेजी से दवाइयों ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टर मरीज को कोई भी एंटीफंगल या एंटीबायोटिक दवा लिखकर दे रहे हैं तो उससे परेशानी ठीक नहीं हो पा रही है। विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है फंगल इन्फेक्शन में पांच दवाइयां कारगर थी। इनमें से चार दवाइयां बेअसर हो रही हैं। पांचवीं दवा जो अभी लिख रहे हैं उसका भी धीरे-धीरे असर कम होने लगा है। फंगल इन्फेक्शन | 4 गुना बढ़े मरीज, 5 में से 4 दवाइयां हुईं बेअसर
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सामान्य तौर पर बरसात के मौसम के बाद फंगल इन्फेक्शन के मरीज बढ़ते थे, लेकिन आजकल पूरे साल ऐसे मरीजों की भीड़ लगी हुई है। दवाइयों के बेअसर होने के पीछे की वजह डॉक्टर मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली पचास तरह की स्टेरॉइड क्रीम को मान रहे हैं, जो खुलेआम बिकती हैं। मरीज इसे लगाकर चमड़ी को पूरी तरह खराब करने के बाद डॉक्टर के पास पहुंचता है।
इससे डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा व ट्यूब बेअसर हो रही है। खुजली या लाल चकत्ते होने पर लोग तुरंत मेडिकल स्टोर से खुजली की ट्यूब लाकर लगा लेते हैं। इससे थोड़े दिन खुजली बंद रहती है, लेकिन कुछ दिनों बाद बीमारी दोगुना गति से फैलने लगती है। खुजली से चमड़ी गलने लगती है। इसके बाद डॉक्टरों की लिखी दवाइयां भी असर नहीं कर रही हैं। इस मामले में डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। वहां से संकेत मिले हैं कि दुकानों पर मिलने वाली स्टेरॉइड क्रीम पर रोक लगाई जाएगी। फंगल इन्फेक्शन | 4 गुना बढ़े मरीज, 5 में से 4 दवाइयां हुईं बेअसर
इन दवाइयों का असर हुआ खत्म:
- ग्रीसोफ्यूलविन
- टर्बिनाफाइन
- केटोकोनाजोल
- फ्लूकेनाजोल
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एकमात्र गोली की कीमत 300 से 500 रुपए:
डॉक्टरों के मुताबिक सिर्फ इंट्राकेनोजोल दवाई मरीजों को लिखी जा रही है। यह भी धीरे-धीरे काम करना बंद कर रही है। बाजार में एक वोरिकोनाजोल दवाई मिल रही है, लेकिन यह एक टेबलेट 300 से 500 रुपए में उपलब्ध है। गरीब या मध्यमवर्गीय मरीज के लिए यह दवाई दो से तीन महीने तक लगातार खाना संभव नहीं है। इससे डॉक्टर असमंजस में हैं कि मरीज को कौन सी दवाई लिखें।
प्रतिबंधित करना होगी स्टेरॉइड की बिक्री:
एमवाय अस्पताल में चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एचके नारंग ने बताया कि पांच साल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग को चर्म रोग के डॉक्टर और मरीजों की परेशानी को समझने की आवश्यकता है। जिस तरह से मेडिकल दुकान से नाइट्रावेट सहित नशे की कई गोलियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है, वैसे ही स्टेरॉइड ट्यूब पर भी रोक लगना चाहिए। अभी हम सिर्फ मरीजों को ही जागरूक कर सकते हैं, इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
पूरा परिवार इन्फेक्शन (Fungal infection) का शिकार:
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल दशोरे का कहना है फंगल इन्फेक्शन के लिए अब कोई एक मौसम जिम्मेदार नहीं रह गया है। स्टेरॉइड क्रीम लगाकर मरीज गंभीर संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। एक व्यक्ति के कारण पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है। हमारे पास एक-एक गांव से सैक़ड़ों मरीज आ रहे हैं। प्रशासन को समय रहते स्टेरॉइड की बिक्री रोकना चाहिए, वरना भविष्य बहुत भयावह होगा। इन्फेक्शन के कारण लोगों की जिंदगी खराब हो रही है।
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ये क्रीम बढ़ा रही हैं बीमारी:
- -बेटनावेट
- -टेनोवेट एम
- -टिग्बोडर्म
- -पेंडर्म
- -डर्मिफाइव
- -सीसोर
- -रिंग ओ जोन
- -जालिम लोशन
- -रिंग गार्ड सहित 50 तरह की क्रीम चमड़ी खराब कर रही हैं।
(चर्म रोग विशेषज्ञों के अनुसार)
लड़कियों के चेहरे पर उग रहे बाल:
डॉक्टरों के मुताबिक लड़कियां चर्म रोगों से बहुत परेशान हैं। चेहरे पर कोई इन्फेक्शन होने पर बाजार से क्रीम लगाने से अब चेहरे पर बाल उगने लगे हैं। ऐसी समस्या लेकर कई लड़कियां डॉक्टरों के पास पहुंच रही हैं। हर कोई लेजर ट्रीटमेंट का लाखों रुपए खर्च नहीं उठा सकता। ऐसे में लड़कियां परेशानी होती हैं, जिनमें से कई अवसाद में आकर मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं। (Fungal infection) फंगल इन्फेक्शन | 4 गुना बढ़े मरीज, 5 में से 4 दवाइयां हुईं बेअसर
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