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Low sperm count treatment | शुक्राणु की कमी का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार और दवा
शुक्राणुओं की कम संख्या के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और अधिकांश पुरुषों को यह भी पता नहीं होता है कि उनकी कुछ गलत आदतें इस समस्या का कारण बन सकती हैं। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए हर्बल सप्लीमेंट्स या ayurvedic उपचार लेकर इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है। Low sperm count treatment
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एक आदमी आमतौर पर प्रत्येक स्खलन (Ejaculation) में लगभग 40 मिलियन शुक्राण (Sperms) निकलता है। यदि शुक्राणुओं की संख्या इससे कम है, तो प्रजनन (Reproduction ) से जुडी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे कई कारक हैं जो शुक्राणुओं की संख्या कम कर सकते हैं और यह पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण बनता है। Low sperm count treatment
पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याएं ठीक करन करने के लिए हर्बल सप्लीमेंट और उपचार सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। साथ ही शुक्राणुओं की कम संख्या ya शुक्राणु की खराब गुणवत्ता (Quality) या दोनों, महिलाओं में गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
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डी.एन.एस. आयुर्वेदा क्लिनिक
DNS Ayurveda Clinic
वजीरगंज, गोलागंज, निकट क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 226018
शुक्राणु की कमी के कारण | Causes of low sperm count :
- 1- कम शुक्राणु का बनना : कम शुक्राणुओं की संख्या के कई कारण हो सकते है, जैसे अवांछित टेस्टिकल्स (un descended testicles ), अनुवांशिक दोष (genetic defects) या बार-बार संक्रमण (repeated infections) का होना। कम शुक्राणुओं की संख्या आनुवंशिक रूप से वंशानुक्रम ( genetically inheritance) से भी प्रभावित हो सकती है और उस स्थिति में, कारण को समाप्त करने के लिए आप बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए हर्बल सप्लीमेंट्स, या आयुर्वेदिक उपचार लेने से ही इस स्थिति में सुधार हो सकता है।
- 2- शुक्राणु के निषेचन (Fertilization) मे समस्या : कुछ यौन समस्याएं जैसे शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) या दर्दनाक संभोग (painful intercourse), स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे प्रतिगामी स्खलन (retrograde ejaculation) और कुछ आनुवंशिक रोग, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस शुक्राणु को महिलाओ की योनि में जा कर रिप्रोडक्शन करने से रोकते हैं।
- 3- सामान्य स्वास्थ्य गलत जीवनशैली और भोजन : सामान्य स्वास्थ्य और गलत जीवनशैली और भोजन के कारण जैसे कि खराब पोषण, मोटापा, शराब, तम्बाकू और नशीली दवाओं के उपयोग के साथ-साथ निरंतर तनाव में रहना भी शुक्राणु की कमी का मुख्या कारण होता है
कम शुक्राणुओं के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा | Ayurvedic treatment for low sperm count :
आयुर्वेद में उचित आहार और नियमित जीवन शैली के साथ विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों, और पंचकर्म उपचार हैं, जो इस तरह से कराया करते हैं –
- 1- अच्छी गुणवत्ता वाले वीर्य (Semen) और शुक्राणु (Sperm) के उत्पादन को बढ़ावा देना
- 2- वीर्य को शुद्ध करने का काम
- 3- शुक्राणु की निषेचन क्षमता (Fertilization capacity) को बढ़ावा देना
पंचकर्म के साथ इलाज शुरू करना हमेशा सबसे अच्छा होता है। प्राचीन समय में, जड़ी-बूटियों का उपयोग मनुष्य की प्रजनन (Reproduction) की परेशानियों और बीमारियों को ठीक करने और गर्भ धारण करने की संभावना बढ़ाने के लिए किया जाता था। आजकल, भले ही चिकित्सा मॉडर्न तकनीक में की जाती है, फिर भी हमारे ऋषि मुनियों और आयुर्वेद का ज्ञान कई मामलों में सबसे अच्छा विकल्प है। अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), मुशाली (कर्कुलिगो ऑर्कियोइड्स), कपिकच्छू (म्यूकुना प्र्यूरीन्स), शिलाजीत और कई अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स जैसी जड़ी-बूटियाँ जिनका उपयोग पुरुषों में कम शुक्राणुओं की संख्या के उपचार के लिए किया जा सकता है।
अश्वगंधा, आमलकी और गुडुची एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे शुक्राणु के कमी को रोका जा सकता है। शतावरी शुक्राणुजनन (Semen production) को बढ़ाती है।
शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने की कोई भी आयुर्वेदिक दवा आप अपनी दिनचर्या में शामिल करें, डॉक्टर की सलाह सबसे ज्यादा जरूरी है। आयुर्वेदिक उपचार और दवाइया एक स्वस्थ जीवन शैली शुक्राणु की गुणवत्ता (Quality), उत्पादन (Production), आकार, आकार और गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श करें, डी.एन.एस.आयुर्वेदा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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