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Sperm count kaise badhaye | शुक्राणु की संख्या कैसे बढ़ाये
वीर्य मी शुक्राणू संख्या कि कमी या शुक्राणू कि खराब गुणवत्ता से गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। हालाँकि कंसेप्शन के लिए १ शुक्राणु की जरुरत होती है, लेकिन ज्यादा और अच्छे क्वालिटी के शुक्राणु से नैसर्गिक गर्भधारण की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है। Sperm count kaise badhaye
इस बात को ध्यान रखते हुए शुक्राणु संख्या कैसे बढ़ाए, शुक्रणुओंकी नार्मल रेंज, शुक्राणु की कमी को कैसे पहचाने और निदान एवं उपलब्ध उपचार कौनसे है? इस बात पर चर्चा की है।
बदलती जीवनशैली के साथ पुरुष इनफर्टिलिटी अब एक आम बात हो चुकी है और इसकी कई शिकायतों में से एक है शुक्राणु की संख्या में कमी आना। Sperm count kaise badhaye | शुक्राणु की संख्या कैसे बढ़ाये
शुक्राणु की कमी ( Oligospermia Treatment ) के सफल उपचार के लिए आज ही नीचे दिए व्हाट्सप्प लिंक पर क्लिक करें |
डी.एन.एस. आयुर्वेदा क्लिनिक
DNS Ayurveda Clinic
वजीरगंज, गोलागंज, निकट क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 226018
Normal Sperm Count | शुक्राणुओं की संख्या कितनी होनी चाहिए :
वैसे तो फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया के लिए एक ही शुक्राणु चाहिए, लेकिन शुक्राणुओं की संख्या जितनी अधिक हो गर्भावस्था की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है। आम तोर पर फर्टाइल पुरुषो में शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन शुक्राणु से 200 मिलियन से अधिक शुक्राणु प्रति मिलीलीटर (एम एल) होनी चाहिए जिससे नैचुरली गर्भधारणा हो सके।
What happens from low sperm count | शुक्राणू कि कमी से क्या होता है :
शुक्राणू कि कमी को मेडिकल भाषा में ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है। इस स्थिति में पुरुष के वीर्य में सामान्य स्पर्म संख्या से कम, यानि प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु होते हैं। जिसकी वजह से गर्भधारणा में दिक्कत आती है।
Low sperm count Causes | स्पर्म काउंट कम होने के कारण? शुक्राणु की कमी के कारण :
पुरुषों में लो स्पर्म काउंट के कारण कई हो सकते है। ( Sperm count kaise badhaye | शुक्राणु की संख्या कैसे बढ़ाये ) शुक्राणुजनन यानी स्पर्मेटोजेनेसिस की समस्याओं का कारण अक्सर हार्मोनल बदलाव या ब्लॉकेज होता है।
- वैरीकोसेल
- हार्मोन असंतुलन
- संक्रमण
- इजेकुलेशन के मेडिकल प्रोब्लेम्स
- एक्सीडेंट या चोट का होना
- स्पर्म ट्यूब में दोष
- ट्यूमर
- सीलिएक रोग
- सर्जरी
साथ ही शुक्राणु में कमी के कारण जीवनशैली संबंधित भी होते है। जैसे:
- नशीली चीजों का सेवन
- कुछ खास प्रकार की दवाओं का सेवन
- शराब और सिगरेट का सेवन
- तनाव होना
- वजन बढ़ना या मोटापा होना
स्पर्म काउंट कम होने के लक्षण? शुक्राणु की कमी के लक्षण
लो स्पर्म काउंट की केसेस में पुरुषों में ज्यादा लक्षण नहीं देखते, कई पुरुषों को इस प्रॉब्लम के बारे में तब ही बता चलता है जब वो चेक-उप कराने आते है। फिर भी कुछ लक्षण है जो आपको लो स्पर्म काउंट होने की आशंका के संकेत देते है।
लो स्पर्म काउंट या स्पर्म काउंट के कम होने के मुख्य लक्षणों में से एक है कंसीव करने में दिकत आना। पर इसी के साथ अन्य लक्षण जैसे:
- सेक्सुअल फंक्शन में दिक्कत आना
- यौन इच्छा में कमी होना
- टेस्टिकल्स एरिया में दर्द, सूजन या गांठ का बनना
- शरीर और चेहरे के बालों का कम होना
- इजाकुलेशन बनाये रखने में दिकत आना
स्पर्म काउंट कम होने के लक्षणों में से एक है।
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए।
Quality of sperm | शुक्राणु की क्वालिटी कैसे बढ़ाए :
जिंक (Zinc) से भरपूर पदार्थ खाये जैसे मछली, क्रैब पोल्ट्री फ़ूड जैसे चिकन, टर्की, नट्स, साबुत अनाज, फल और सब्जियां ये स्पर्म मोटिलिटी (गतिशीलता) के साथ स्पर्म क्वालिटी बढ़ने में भी मददगार है।
साथ ही व्यायाम की आदत लगाना फायदेमंद है। नियमित व्यायाम के माध्यम से हार्मोन्स संतुलित रहते है। जिससे स्पर्म की संख्या व गतिशीलता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
Low sperm count treatment | लो स्पर्म काउंट यानि शुक्राणु की कमी के ट्रीटमेंट :
Low sperm count treatment in Hindi | Sperm count kaise badhaye | शुक्राणु की संख्या कैसे बढ़ाये :
स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाये? | शुक्राणुओं की संख्या कैसे बढ़ाये? | Sperm count kaise badhaye :
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या के लिए आपके शरीर में हार्मोन का सही संतुलन होना महत्वपूर्ण है। अतिरिक्त वजन हॉर्मोन के संतुलन को बिगाड़ता है और आपके शुक्राणु के स्वास्थ्य के हर पहलू को प्रभावित कर सकता हैं।
- योग्य आहार ले: ताजा, संपूर्ण खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन होते हैं जो फर्टिलिटी को बनाये रखने में मदत करते है। प्रोसेस्ड फास्ट फूड से दूर रहे।
- वर्कआउट स्किप न करें: स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन के लिए व्यायाम महत्त्वपूर्ण है। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए बाहरी गतिविधियां सबसे प्रभावी उपाय मानी जाती है। डॉक्टर अक्सर सप्ताह में कम से कम 150 मिनट के लिए मध्यम शारीरिक वर्कआउट की सलाह देते हैं।
- नशे से दूर रहे: चाहे वो धूम्रपान, शराब, ड्रग्स या किसी भी प्रकार का नशा हो। यदि आप पिता बनने की कोशिश कर रहे है तो हर प्रकार के नशे से परहेज़ करे।
- गर्मी से दूर रहे: शुक्राणु एक संकीर्ण तापमान सीमा (आमतौर पर आपके मुख्य शरीर के तापमान से दो से तीन डिग्री कम) पर रहते और कार्य करते हैं। हॉट टब में ज्यादा देर रहना या लैपटॉप गोद में लिए काम करना आपके अंडकोष को बहुत अधिक गर्मी के संपर्क में लाता है, जिससे इनफर्टिलिटी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
- टाइट अंडरगारमेंट्स न पहनें: अपने टेस्टिकल्स के भीतर योग्य तापमान बनाए रखना जरुरी है। इसलिए आरामदायक अंडरगारमेंट्स पहना जरुरी है जिससे टेस्टिकल्स को पर्याप्त हवा और सही तापमान मिले।
आखिर शुक्राणु की कमी से कैसे बचे :
शुक्राणुओं की संख्या को कम होने से रोका जा सकता है। कुछ ख़ास ऐसे कारक हैं जो शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी को प्रभावित करते हैं। इन्हें अपनी जीवनशैली से दूर करके शुक्राणु में होने वाली कमी से बचाव किया जा सकता है।
इन बातो का खास ध्यान रखे:
- नशीली चीजों के सेवन से दूर रहें
- संतुलित आहार ले
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- गर्मी से बचें
- तनाव से दूर रहें
- वर्कआउट स्किप न करें
इसी के साथ हेल्थी डाइट, व्यायाम और सक्रिय जीवन शैली शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
शुक्राणुओं की कमी होने के साथ पुरुषो में निल स्पर्म काउंट की कई शिकायते सामने आ रही है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श करें, डी.एन.एस.आयुर्वेदा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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