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अब एम्स में होगा स्पाइन और हड्डी के कैंसर का इलाज
अब एम्स में होगा स्पाइन और हड्डी के कैंसर का इलाज, विदेश नहीं जाने की ज़रूरत नहीं:
रीढ़ की हड्डी और नॉर्मल हड्डी का कैंसर भले ही बहुत कम लोगों को होता है लेकिन इसका अब तक लगभग देश में दुर्लभ था। अगर किसी व्यक्ति को स्पाइन या हड्डी का कैंसर होता था तो उसे बेहतर इलाज के लिए विदेशों का मुंह देखना पड़ता था।
लेकिन अब खुशखबरी यह है कि स्क्योलियोसिस और हड्डी के कैंसर जैसी बीमारी के लिए अब एम्स अस्पताल में इलाज संभव हो पाएगा। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एम्स अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है। इसे मॉडर्न तकनीक से लैस करने के साथ ही रोबॉट, इंट्रा ऑपरेटिव सीटी, सीआर्म, ओआर्म, नर्व ऑपरेटिंग इक्विपमेंट के सातों ऑपरेशन थिएटर भी मौजूद हैं।
बताया जा रहा है कि इसे बनाने में कुल 25 से 30 करोड़ का खर्चा आया है। आम लोगों के लिए यह अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा।
- इस तकनीक के आने के बाद रिजल्ट और भी बेहतर होंगे।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एम्स अस्पताल में ऑपरेशन थिअटर बनाया गया है।
- इसमें नर्व ऑपरेटिंग इक्विपमेंट के सातों ऑपरेशन थिएटर भी मौजूद हैं।
एम्स के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर राजेश मल्होत्रा का कहना है कि एम्स अस्पताल देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बेहतर इलाज के लिए जाना जाता है। इस विश्वास और लोगों को इलाज में सहायता करने के लिए इसी कड़ी में ऑर्थोपेडिक विभाग में 7 नए ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं।
अब दुनिया भर में स्पाइन और बोन कैंसर से जुड़ा जो भी इलाज संभव है, वह सब एम्स में उपलब्ध होगा। इस तकनीक के आने के बाद रिजल्ट और भी बेहतर होंगे। जबकि अभी तक लोगों को ऐसे इलाज के लिए विदेशों का सहारा लेना पड़ता था। दिल्ली में किसी प्राइवेट अस्पताल में भी ऐसी तकनीक नहीं है, जो एम्स में आ चुकी है।
कुल मिलाकर यह देश का सबसे बेस्ट और मॉडर्न ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर होगा। इसके शुरू होने पर स्क्योलोसिस जैसी बीमारी के इलाज में वेटिंग आधी हो सकती है। अभी इसमें दो से ढाई साल का जनरल वॉर्ड में वेटिंग है।
डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी को लेकर एम्स का रिजल्ट सबसे बेहतर है। देशभर के सरकारी अस्पताल पूरे साल में दस से पंद्रह सर्जरी करते हैं, वहीं एम्स एक साल में 100 से 150 सर्जरी करता है।