
How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
हममें से ज्यादातर लोगों ने कभी ना कभी ये कोशिश ज़रूर की होगी कि रोज़ सुबह जल्दी उठा जाये. हो सकता है कि आपमें से कुछ लोग कामयाब भी हुए हों, पर अगर majority की बात की जाये तो वो ऐसी आदत डालने में सफल नहीं हो पाते. लेकिन आज जो article मैं आपसे share कर रहा हूँ इस पढने के बाद आपकी सफलता की probability निश्चित रूप से बढ़ जाएगी How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत? / How to wake up early morning in Hindi?
Aristotle ने कहा है –
It is well to be up before daybreak, for such habits contribute to health, wealth, and wisdom.सूर्योदय होने से पहले उठाना अच्छा होता है, ऐसी आदत आपको स्वस्थ , समृद्ध और बुद्धिमान बनती है .
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यदि आप निश्चित समय पे सोते हैं तो कभी -कभी आप तब सोने चले जायेंगे जब आपको बहुत नीद ना आ रही हो . यदि आपको सोने में 5 मिनट से ज्यादा लग रहे हों तो इसका मतलब है कि आपको अभी ठीक से नीद नहीं आ रही है . आप बिस्तर पर लेटे -लेटे अपना समय बर्वाद कर रहे हैं, सो नहीं रहे हैं . एक और problem ये है कि आप सोचते हैं कि आपको हर रोज़ उठने ही घंटे की नीद चाहिए , जो कि गलत है . आपको हर दिन एक बराबर नीद की ज़रुरत नहीं होती .
यदि आप उतना सोते हैं जितना की आपकी body आपसे कहती है तो शायद आपको जितना सोना चाहिए उससे ज्यादा सोएंगे —कई cases में कहीं ज्यादा , हर हफ्ते 10-15 घंटे ज्यदा ( एक पूरे waking-day के बराबर ) ज्यादातर लोग जो ऐसे सोते हैं वो हर दिन 8+ hrs सोते हैं , जो आमतौर पर बहुत ज्यादा है . और यदि आप रोज़ अलग -अलग समय पर उठ रहे हैं तो आप सुबह की planning सही से नहीं कर पाएंगे . और चूँकि कभी -कभार हमारी natural rhythm घडी से मैच नहीं करती तो आप पायंगे कि आपका सोने का समय आगे बढ़ता जा रहा है, How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
मेरे लिए दोनों approaches को combine करना कारगर साबित हुआ. ये बहुत आसान है , और बहुत से लोग जो सुबह जल्दी उठते हैं , वो बिना जाने ही ऐसा करते हैं , पर मेरे लिए तो यह एक mental-breakthrough था . Solution ये था की बिस्तर पर तब जाओ जब नीद आ रही हो ( तभी जब नीद आ रही हो ) और एक निश्चित समय पर उठो ( हफ्ते के सातों दिन ). इसलिए मैं हर रोज़ एक ही समय पर उठता हूँ ( in my case 5 am) पर मैं हर रोज़ अलग -अलग समय पर सोने जाता हूँ .
मैं बिस्तर पर तब जाता हूँ जब मुझे बहुत तेज नीद आ रही हो . मेरा sleepiness test ये है कि यदि मैं कोई किताब बिना ऊँघे एक -दो पन्ने नहीं पढ़ पाता हूँ तो इसका मतलब है कि मै बिस्तर पर जाने के लिए तैयार हूँ .ज्यादातर मैं बिस्तर पे जाने के 3 मिनट के अन्दर सो जाता हूँ . मैं आराम से लेटता हूँ और मुझे तुरंत ही नीद आ जाति है . कभी कभार मैं 9:30 पे सोने चला जाता हूँ और कई बार midnight तक जगा रहता हूँ . अधिकतर मैं 10 – 11 pm के बीच सोने चला जाता हूँ .अगर मुझे नीद नहीं आ रही होती तो मैं तब तक जगा रहता हूँ जब तक मेरी आँखें बंद ना होने लगे . इस वक़्त पढना एक बहुत ही अच्छी activity है , क्योंकि यह जानना आसान होता है कि अभी और पढना चाहिए या अब सो जाना चाहिए . How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
जब हर दिन मेरा alarm बजता है तो पहले मैं उसे बंद करता हूँ , कुछ सेकंड्स तक stretch करता हूँ , और उठ कर बैठ जाता हूँ . मैं इसके बारे में सोचता नहीं . मैंने ये सीखा है कि मैं उठने में जितनी देर लगाऊंगा ,उतना अधिक chance है कि मैं फिर से सोने की कोशिश करूँगा .इसलिए एक बार alarm बंद हो जाने के बाद मैं अपने दिमाग में ये वार्तालाप नहीं होने देता कि और देर तक सोने के क्या फायदे हैं . यदि मैं सोना भी चाहता हूँ , तो भी मैं तुरंत उठ जाता हूँ . How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
इस approach को कुछ दिन तक use करने के बाद मैंने पाया कि मेरे sleep patterns एक natural rhythm में सेट हो गए हैं . अगर किसी रात मुझे बहुत कम नीद मिलती तो अगली रात अपने आप ही मुझे जल्दी नीद आ जाती और मैं ज्यदा सोता . और जब मुझमे खूब energy होती और मैं थका नहीं होता तो कम सोता . मेरी बॉडी ने ये समझ लिया कि कब मुझे सोने के लिए भेजना है क्योंकि उसे पता है कि मैं हमेशा उसी वक़्त पे उठूँगा और उसमे कोई समझौता नहीं किया जा सकता,
इसका एक असर ये हुआ कि मैं अब हर रात लगभग 90 मिनट कम सोता ,पर मुझे feel होता कि मैंने पहले से ज्यादा रेस्ट लिया है . मैं अब जितनी देर तक बिस्तर पर होता करीब उतने देर तक सो रहा होता,
मैंने पढ़ा है कि ज्यादातर अनिद्रा रोगी वो लोग होते हैं जो नीद आने से पहले ही बिस्तर पर चले जाते हैं . यदि आपको नीद ना आ रही हो और ऐसा लगता हो कि आपको जल्द ही नीद नहीं आ जाएगी , तो उठ जाइये और कुछ देर तक जगे रहिये . नीद को तब तक रोकिये जब तक आपकी body ऐसे hormones ना छोड़ने लगे जिससे आपको नीद ना आ जाये.अगर आप तभी bed पे जाएँ जब आपको नीद आ रही हो और एक निश्चित समय उठें तो आप insomnia का इलाज कर पाएंगे .पहली रात आप देर तक जागेंगे , पर बिस्तर पर जाते ही आपको नीद आ जाएगी ..पहले दिन आप थके हुए हो सकते हैं क्योंकि आप देर से सोये और बहुत जल्दी उठ गए , पर आप पूरे दिन काम करते रहेंगे और दूसरी रात जल्दी सोने चले जायेंगे .कुछ दिनों बाद आप एक ऐसे pattern में settle हो जायेंगे जिसमे आप लगभग एक ही समय बिस्तर पर जायंगे और तुरंत सो जायंगे, How to wake up early morning | कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
इसलिए यदि आप जल्दी उठाना चाहते हों तो ( या अपने sleep pattern को control करना चाहते हों ), तो इस try करिए : सोने तभी जाइये जब आपको सच -मुच बहुत नीद आ रही हो और हर दिन एक निश्चित समय पर उठिए, How to wake up in early morning in hindi

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