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आयुर्वेदिक औषधियों के लिए बाबा रामदेव कर रहे हैं कुछ ऐसा चमत्कार
आयुर्वेदिक औषधियों को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाने में जुटे बाबा रामदेव:
स्वामी रामदेव की पतंजलि योगपीठ आयुर्वेदिक दवाओं को मेडीसिन का दर्जा दिलाने में जुट गई है। साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा को भी यह दर्जा दिलाया जाएगा। पतंजलि योगपीठ के अनुसंधान विभाग ने वे सभी रिपोर्ट परीक्षणों के बाद तैयार कर ली है, जो ऐसे दर्जे के लिए आवश्यक है। Ayurvedic medicines clinical trials started in patanjali.
गौरतलब है कि पतंजलि की अनुसंधान प्रयोगशाला में आयुर्वेदिक दवाओं के क्लीनिकल ट्रायल लंबे अर्से से चल रहे हैं। खरगोश, मछली, चूहा, बिल्ली आदि जंतुओं में रोगों के जीवाणु छोड़कर फिर उनका इलाज आयुर्वेदिक औषधियों, जड़ी बूटियों, भस्मों और रसायनों से किया जा रहा है। प्रत्येक अनुसंधान की रिपोर्ट उसी मानक पर तैयार की जा रही है, जिस मानक पर एलोपैथिक दवाओं को मेडिसिन की मान्यता मिली है। योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि भारत में हजारों वर्षों से ऋषि मुनियों ने प्रकृति से आयुर्वेद का ज्ञान हासिल किया है।
भारत सरकार और प्रदेश सरकारों के अनेक आयुर्वेद विश्वविद्यालय डिग्रियां प्रदान करते हैं, मगर दुनिया में इन औषधियों को मेडीसिन की मान्यता नहीं दी जाती। इसी प्रकार प्राकृतिक चिकित्सा को सारी दुनिया में अपनाया गया है, किंतु यह चिकित्सा पद्धति भी औषधीय गुणों के बावजूद मेडिसिन की मान्यता नहीं प्राप्त कर सकी है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक दवाओं को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए पतंजलि योगपीठ वचनबद्ध है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी अनुसंधान प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों की जानकारी दी जाएगी। स्वामी रामदेव का मकसद है कि जिस प्रकार योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता मिली है, उसी प्रकार आयुर्वेदिक दवाओं को भी पूरी दुनिया मेडिसिन का दर्जा प्रदान करे।
Ayurvedic medicines clinical trials started in patanjali