Diabetes symptoms and treatment | मधुमेह का लक्षण और उपचार

मधुमेह या डाइबिटीज़ | Diabetes :

दोस्तों हमारी ख़राब जीवनशैली के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डाइबिटीज़ यानी की मधुमेह। डाइबिटीज़ भले ही एक सामान्य बीमारी हो लेकिन एक बार किसी को हो जाए तो जीवन भर उसका साथ नहीं छोड़ती। किसी समय में यह बीमारी सिर्फ 50 साल से ऊपर के लोगों को होती थी, लेकिन आज हर कोई इससे ग्रस्त है। यहा यह ध्यान देने वाली बात है कि अगर मरीज़ अपनी जीवनशैली और खानपान का ख्याल रखे तो डाइबिटीज़ diabetes को संतुलित रखा जा सकता है।

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मधुमेह या डाइबिटीज़ के तीन प्रकार | Three types of diabetes:

टाइप 1 : यह एक ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर है, इसमें बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। इस मधुमेह में मरीज़ को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा सही तरीक़े से बनी रहे। यह डायबिटीज़ बच्चों और युवाओं को होने की आशंका ज़्यादा होती है।
टाइप 2: इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
गर्भावधि मधुमेह (Gestational diabetes) – यह मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है, जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस दौरान, गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा ज़्यादा रहता है।

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मधुमेह के लक्षण | Symptoms of diabetes :

हर किसी को मधुमेह के कुछ लक्षणों का पता होना जरूरी है। इसके कई ऐसे आम से दिखने वाले लक्षण होते हैं, जिन पर अगर आप समय रहते ध्यान देते हैं, तो इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है :

  1. बार-बार पेशाब लगना।
  2. लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना।
  3. बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना।
  4. घाव का जल्दी न भरना।
  5. गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
  6. आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
  7. वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना।
  8. लगातार थकान या कमज़ोरी महसूस होना।
  9. ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगना।
  10. व्यवहार में चिड़चिड़ापन होना।

(इसमें से अगर लक्षण आपको अपने शरीर में दिखे, तो एक बार डायबिटीज़ की जांच ज़रूर कराएं। अब हम जानते हैं कि आखिर मधुमेह होता क्यों है)

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मधुमेह के कारण | Reasons of diabetes :

  1. अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो आपको भी डायबिटीज़ होने का ख़तरा हो सकता है।
  2. ज़्यादा तला या बाहर का खाना खाने से बढ़ता हुआ वज़न भी डायबिटीज़ का कारण है।
  3. व्यायाम या कोई शारीरिक श्रम न करना।
  4. ज़्यादा मीठा खाना।
  5. अगर हृदय संबंधी कोई बीमारी है, तो डायबिटीज़ हो सकती है।
  6. अगर गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो तो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
  7. बढ़ती उम्र से भी डायबिटीज़ हो सकती है।

मधुमेह का उपचार |  Diabetes Treatment:

मधुमेह के बारे में इतनी जानकारी आपको मिल ही गई है, तो अब उसके इलाज के बारे में भी जानकारी हासिल कर ली जाये।
इंसुलिन : टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ के कई मरीज़ इंसुलिन के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर इंसुलिन पंप की भी सलाह देते हैं।

सही खान-पान : मधुमेह के मरीज़ों को अपने खान-पान का ख़ास ख़्याल रखना चाहिए। इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज़ के लिए एक विशेष आहार चार्ट बनाते हैं और उसी के अनुरूप खान-पान की सलाह देते हैं। खाने में हरी पत्तीदार सब्ज़ियां, गाजर, टमाटर, संतरा, केला व अंगूर खा सकते हैं। इसके अलावा चीज़ और दही का भी सेवन करने की सलाह दी जाती है।

व्यायाम : खाने-पीने के अलावा डॉक्टर व्यायाम और योगासन करने की भी राय देते हैं। फिज़िकल एक्टिविटी करने से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल संतुलित रहता है और आपका शरीर स्वस्थ रहता है। डॉक्टर, डायबिटीज़ के मरीज़ों को चलने, सुबह की सैर और हल्का-फ़ुल्का व्यायाम करने की राय देते हैं। ये डायबिटीज के इलाज के सबसे आसान तरीके हैं।

दवाइयां : डायबिटीज़ के मरीज़ों को दवाइयाें की भी सलाह दी आती है। डॉक्टर, मरीज़ की बीमारी के अनुसार ही दवाई देते हैं।

कुछ घरेलू उपचार | Some home remedies :

1. करेले का जूस
सामग्री : एक करेला, चुटकी भर नमक, चुटकी भर काली मिर्च, एक या दो चम्मच नींबू का रस
बनाने की विधि :
करेले को धोकर उसका जूस निकाल लें।
अब इसमें स्वादानुसार नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिला लें।
अब इस मिश्रण को पीएं।
कैसे फायदेमंद है ? करेले में फाइबर होता है, जो एंटीडायबिटिक यौगिक है। इसमें ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने के गुण होते हैं।

2. दालचीनी
सामग्री : आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, एक गिलास गर्म पानी
बनाने की विधि : गर्म पानी में दालचीनी पाउडर मिलाकर पीएं।
कैसे फायदेमंद है ? दालचीनी एक सुगंधित मसाला है, जिसका व्यापक रूप से विभिन्न व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव, जिससे मधुमेह होने की आशंका होती है, उसे कम करने में मदद करता है।

3. मेथी
सामग्री : दो चम्मच मेथी दाना, दो कप पानी
बनाने की विधि
दो चम्मच मेथी दाने में दो कप पानी मिलाएं, अब इसे ढककर रात भर छोड़ दें, अगले दिन पानी को छानकर खाली पेट पीएं।
कैसे फायदेमंद है ? मेथी का उपयोग मसाले के तौर पर होता है। इसके अलावा एक स्टडी के अनुसार, मेथी में ब्लड ग्लूकोज कम करने के गुण होते हैं, जो टाइप 2 मधुमेह के इलाज में काफ़ी मददगार साबित हो सकते हैं।

4. एलोवेरा
सामग्री : एलोवेरा का रस
क्या करें?
हर रोज़ दिन में एक से दो बार बिना चीनी के एलोवेरा जूस का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
एलोवेरा में लिपिड और ब्लड शुगर को कम करने वाले गुण होते हैं। इसके लगातार सेवन से आपका ब्लड ग्लूकोज़ लेवल नियंत्रित रहता है।

5. आंवला
सामग्री : आंवले का रस, हल्दी, शहद
बनाने की विधि : आंवले के रस में चुटकी भर हल्दी और शहद मिलाकर पीएं। ऐसा करने से शुगर नियंत्रण में रहेगी।
कैसे है फायदेमंद? : आंवला में मौजूद क्रोमियम ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होता है। यह इंसुलिन के प्रवाह को भी बढ़ाता है। इस वजह से, यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए काफ़ी फायदेमंद होता है।

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मधुमेह का परीक्षण | Tests for diabetes :

डायबिटीज़ का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण आम स्वास्थ्य समस्याओं जैसे होते हैं। इसलिए, डायबिटीज़ के परीक्षण के बारे में भी जानना चाहिए।
ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट :
यह ब्लड टेस्ट बहुत ही आम है। यह टेस्ट सुबह के समय बिना कुछ खाए-पिए किया जाता है। इससे ब्लड शुगर का सही स्तर जानने में मदद मिलती है। यह बहुत ही सुविधाजनक, सस्ता और घर पर भी किया जा सकता है।
रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट :
यह ब्लड टेस्ट पूरे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।
ए1सी टेस्ट :
इस टेस्ट में हर रोज़ ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव चेक करने की जगह, पिछले तीन से चार महीने के लेवल का पता किया जाता है। इस टेस्ट में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं से जुड़ी ग्लूकोज की मात्रा के बारे में भी पता चलता है। इस टेस्ट में मरीज़ को फास्टिंग यानी भूखे रहने की ज़रूरत नहीं होती और यह दिन में किसी समय किया जा सकता है।
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट:
इस टेस्ट के लिए कम से कम रात भर या छह से आठ घंटे कुछ खाना नहीं होता है। टेस्ट के करीब दो घंटे पहले ग्लूकोज़ का पानी पीना होता है। इसके बाद अगले दो घंटे तक ब्लड शुगर लेवल का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षणों में से कुछ परीक्षण घर पर और कुछ परीक्षण डॉक्टर की निगरानी में किए जाते हैं।

मधुमेह में क्या खाएं, क्या न खाएं :
आपका आहार आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में बहुत ही अहम् भूमिका निभाता है, इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने आहार का मुख्य रूप से ध्यान रखें। डायबिटीज़ में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इसका ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। इसलिए, लेख में इस सूची को भी आपके साथ साझा कर रहे हैं।
क्या खाएं?
केला – केला फाइबर से भरपूर होता है, जो किसी भी मधुमेह के मरीज़ के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अंगूर – अंगूर में भी प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो डाइबिटीज़ को नियंत्रित करता है।
कीवी – कीवी में कम कैलोरी और प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए काफ़ी फायदेमंद होता है।
क्या न खाएं?
कोल्ड ड्रिंक, शहद, केक, पेस्ट्री, मिठाई, अत्यधिक चावल, पास्ता या सफ़ेद ब्रेड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ

मधुमेह से बचाव | Precautions in diabetes :

समय रहते अपनी कुछ आदतों को बदलकर और अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है और जिन्हें पहले से ही मधुमेह हैं, वो इसे नियंत्रित कर सकते हैं। नीचे हम ऐसी ही कुछ चीज़ों के बारे में बता रहे हैं।
वजन को नियंत्रण में रखें, तनाव से दूर रहें, नींद पूरी करें, धूम्रपान से दूर रहें, व्यायाम करें

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कुछ और टिप्स | Some other tips :

सही आहार – शुगर के मरीज़ों को अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। शुगर में परहेज करने के लिए जितना हो सके बाहरी और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि इससे वज़न बढ़ने का ख़तरा रहता है और फिर मधुमेह। सही आहार अपनाएं, प्रोटीन व विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करें।
सही मात्रा में पानी पीएं – आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘जल ही जीवन है’। हमारे शरीर को पानी की सख्त ज़रूरत होती है, क्योंकि एक व्यस्क के शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है। सबसे ज़्यादा पानी एक शिशु और बच्चे में होता है। पानी से कई बीमारियां ठीक होती हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए भी पानी बहुत आवश्यक है। इसलिए, जितना हो सके पानी पीएं।
नियमित रूप से जांच – अपने ब्लड शुगर लेवल को जानने के लिए नियमित रूप से अपना डायबिटीज़ टेस्ट कराते रहें और उसका एक चार्ट बना लें, ताकि आपको अपने डायबिटीज़ के घटने-बढ़ने के बारे में पता रहे।
कम मीठा खाएं – ज़्यादा मीठा न खाएं, खासकर पेस्ट्री व केक जैसी चीज़ें। अगर आपको मीठा बहुत पसंद है, तो कोशिश करें कि घर में बनी कम मीठे वाली मिठाई ही खाएं और वो भी सीमित मात्रा में।
अगर आपको डायबिटीज़ नहीं है, तो आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर आगे भी अपने डायबिटीज़ होने की आशंका को रोक सकते हैं। इसके अलावा, जिन्हें मधुमेह है वो भी ऊपर दिए गए इन टिप्स को अपनाकर अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श करें, डी.एन.एस.आयुर्वेदा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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