Ayurvedic tips for liver | आयुर्वेदिक तरीकों से अपने लिवर को रखें निरोग :
लिवर / Liver यानी यकृत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसे शरीर का इंजन कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हम जो भी खाते-पीते हैं उसे अच्छी तरह से पचाने में लिवर का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है। लेकिन भागदौड़ की जिंदगी में हम अक्सर लिवर की देखभाल को नज़रअंदाज कर देते हैं। लिवर हमारे खून को साफ करता है
और विषैले पदार्थों को खून में प्रवेश करने से रोकता है। लिवर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को निष्क्रिय करता है और प्रोटीन बनाता है जिससे हम रक्तस्त्राव और इंफेक्शन से बचे रहते हैं। इसके अलावा लिवर विटामिन बी12, ग्लूकोज और आयरन आदि को जमा करने का भी काम करता है।
Risk Factors For Liver | देखभाल न होने पर लिवर के संक्रमित होने का खतरा :
यदि हमारा लीवर यह काम किसी कारणवश नहीं कर पाता है तो इसका प्रतिकूल असर हमारे शरीर पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में त्वचा का फटना, मुंहासे होना, सूखापन और जलन की समस्या हो सकती है। इसलिए लिवर की देखरेख बेहद जरूरी है क्योंकि इसके संक्रमित होने का खतरा हमेशा रहता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने लिवर को नियमित रूप से डीटॉक्स करें ताकि वह अच्छी तरह से काम करे। यदि लिवर संक्रमित हो जाए तो ऐलर्जी, थकान, कलेस्ट्रॉल व पाचन से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आयुर्वेद के जरिए लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
Also Read : Gathiya treatment | गठिया रोग को दूर करने के लिए 3 आसान उपाय
आयुर्वेद में मौजूद है लिवर / Liver को हेल्दी रखने का उपाय :
आयुर्वेद में बीमारियों के उपचार से ज्यादा इस बात पर जोर दिया जाता है कि बीमारियां हो ही नहीं। उसका सिद्धांत ही है कि उपचार से बेहतर बीमारियों की रोकथाम के उपाय करना है इसलिए वह स्वस्थ्य लिवर के लिए अच्छी जीवनशैली और संतुलित आहार पर जोर देता है। इसमें फल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद, अनाज, प्रोटीन और वसा भी शामिल है। अपने खानपान में महज कुछ बदलाव करके ही हम अपने लिवर को किसी भी तरह के संक्रमण से बचा सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं उन 9 चीजों के बारे में जिनका नियमित रूप से सेवन करने से लिवर की नैचरल तरीके से सफाई हो पाएगी…
लहसुन :
लहसुन लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों या टॉक्सिंस को हटाने में मदद करता है। वह उन एंजाइम को सक्रिय करता है जो टॉक्सिंस को हटाते हैं। इसके अलावा इसमें एलिसिन का उच्च स्तर होता है जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और एंटिफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें सेलेनियम भी होता है जो एंटीऑक्सिडेंट की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाता है। ये लिवर / Liver को साफ करने में सहायता करते हैं।
गाजर:
गाजर में मौजूद विटमिन ए लिवर की बीमारी को रोकता है। इसका जूस लीवर की गर्मी और सूजन को भी कम करता है। लीवर सिरोसिस में पालक व गाजर का मिश्रित रस फायदेमंद साबित होता है। गाजर में इनप्लांट
फ्लेवोनॉयड्स और बीटा-कैरोटीन नामक तत्व भी पाए जाते हैं जो लीवर के सुचारू संचालन में सहयोग करते हैं।
Also Read : स्वस्थ और फिट रहने के 5 टिप्स – 5 tips for health and fitness
सेब :
सेब को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही अच्छा माना जाता है। लिवर के लिए भी सेब बेहद फायदेमंद है। सेब में पेक्टिन होता है जो शरीर को शुद्ध करने और पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
अखरोट for Liver :
अखरोट में एमिनो ऐसिड पाया जाता है जो प्राकृतिक रूप से लिवर / Liver को डीटॉक्स करता है इसलिए इसका सेवन करना चाहिए।
ग्रीन टी :
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट लिवर के कार्य को बेहतर बनाता है इसलिए दूध की चाय की बजाए ग्रीन टी पीने की आदत आज से ही डालें।
पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती हैं। इसके अलावा वे शरीर में भारी धातुओं के असर को कम करके लिवर की रक्षा करते हैं। इसलिए जितना हो सके हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खाएं। इससे आपकी किडनी की हरियाली हमेशा कायम रहेगी।
खट्टे फल :
विटमिन-सी से भरपूर संतरा, नींबू आदि खट्टे फल लिवर की सफाई करने की क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे यह एंजाइम का उत्पादन करता है।
Also Read : Bawaseer ka ilaj in hindi | बवासीर का इलाज हिन्दी में | Piles Treatment
हल्दी :
इसके गुण किसी से छिपे नहीं हैं। लिवर के लिए भी यह किसी चमत्कार से कम नहीं है जो हमारे लिवर / Liver में होने वाले रैडिकल डैमेज की मात्रा को कम करता है। हल्दी वसा के पाचन में मदद करती है और पित्त का निर्माण करती है, जो हमारे लिवर के लिए प्राकृतिक डीटॉक्सिफायर का काम करता है।
चुकंदर for Liver :
विटमिन सी का एक अच्छा स्रोत है। यह पित्त को बढ़ाता है और एंजाइमी गतिविधि को बढ़ावा देता है।
राम एन कुमार
(लेखक निरोगस्ट्रीट नाम की संस्था के संस्थापक और मुख्य प्रबंधक अधिकारी हैं।)
Also Read : Copper Water Benefits | तांबे के बर्तन में रखा पानी
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श करें, डी.एन.एस.आयुर्वेदा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
Facebook page: Click here