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धात रोग क्या है – बहोत आसान इसका इलाज – Spermatorrhoea
धातु (धात) रोग ?
धातु रोग का मतलब होता है, वीर्य का अनैच्छिक रूप से निकलना, जो आम तौर पर नींद के दौरान या अन्य परिस्थितियां जैसे पेशाब या मल त्याग के दौरान होता है।
यह एक पुरुषों की यौन समस्या है, जिसमें अनैच्छिक रूप से वीर्यपात (वीर्य रिसना या बहना) होने लगता है, जो आमतौर पर यौन उत्तेजना और संभोग के बिना होता है।
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5 . औरत में सेक्स की इच्छा न होना
6 . जल्दी जड़ जाना
7 . धात जाना धातु रोग
8 . लिंग से चिपचिपा पानी बहते रहना
9 . स्वप्नदोष या नाईट फॉल होना
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यह समस्या अक्सर रोगी के चिड़चिड़ेपन व उसके यौन अंगों में दुर्बलता से जुड़ी हुई होती है। कुछ प्रकार के मामलों में कब्ज के दौरान मल त्याग करने के लिए लगाए गए के कारण भी मूत्र के साथ वीर्य जैसा निकलने लगता है। कुछ मामलों में वीर्य मूत्र से पहले निकल जाता है, या मूत्र से मिलकर भी निकलने लग जाता है।
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धातु (धात) रोग के लक्षण – Spermatorrhoea Symptoms in Hindi
धातु रोग के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?
धात गिरने की समस्या रोग के मुकाबले एक लक्षण ज्यादा होता है।
यदि समस्या अत्यधिक हस्तमैथुन या सेक्स के कारण होती है, तो दीर्घकालिक यौन क्रीड़ा थकान से संबंधित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- कमर में दर्द विशेष रूप से कमर के निचले भाग में
- कमर के निचले भाग में दर्द जिसकी दर्द की तरंगें नीचे तक जाएँ
- अंडकोष या पेरिनियम में दर्द,
- चक्कर आना,
- सामान्य कमज़ोरी,
- रात को पसीना आना,
- अंडकोष क्षेत्र में पसीना आना,
- गर्म और नम त्वचा,
- गर्म और नम हथेलियां और तलवे
और पढ़ें – लिंग में तनाव की कमी
धातु (धात) रोग के कारण – Spermatorrhoea Causes in Hindi
धातु रोग के कारण और इसमें अन्य समस्याएँ क्या हैं?
धातु रोग के मुख्य कारण ये हैं:
- पुरूष जननांग टेस्टेस (वृषण) को बाकी शरीर के तापमान से कुछ हद तक ठंडा रखना चाहिए। जब टेस्टेस अधिक गर्मी के प्रभाव में आते हैं, (जैसे गर्म पानी के टब में नहाने के बाद) ऐसे में रात को सोने के बाद शुक्राणु निकालने लगते हैं, क्योकिं शुक्राणु की सप्लाई क्षतिग्रस्त हो जाती है।।
- यौन उत्तेजनाओं को प्रभावित करने वाला दृश्य या ख्याल आने पर भी इस समस्या का पैदा होना लाज़मी है।
- खारब आहार भी इस समस्या का एक कारण है। कम प्रोटीन युक्त आहार, या बिना अंडे वाले आहार का सेवन करना भी लाभदायक साबित हो सकता है।
- अत्याधिक हस्तमैथुन या सेक्स करना भी धातु रोग का कारण बन सकता है।
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- धात का रोग कमजोर पाचन तंत्र या शारीरिक कमजोरी के कारण भी हो जाता है।
- इसके अलावा, अधिकांश पूर्वी शहर, वेस्टर्न शौचालय (पश्चिमी प्रकार के शौचालयों) से रहित हैं। उनके शौचालय जमीन पर लगाए जाते हैं क्योंकि पुरुषों को उन पर उकड़ू बैठने (squat) की आवश्यकता पड़ती है। इस अवस्था में जब मल त्याग करने के लिए अत्याधिक जोर लगाया जाता है, तो वीर्य अपने आप निकलने लगता है। अगर वीर्य निकलने की समस्या रोजाना होने लगे तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है।
- आदमी को अपने दैनिक मल क्रिया से पूरी तरह से पेट साफ कर सकता है।
- तंत्रिका तंत्र की कमजोरी।
- मूत्र और जननांग अंगों की क्षीणता।
- अत्याधिक हस्थमैथुन करने की आदत।
- यौन असंतोष।
- त्वचा आदि की समस्या के कारण वृषण कोष संबंधी समस्याएं।
- संकीर्ण (तंग) मूत्र निकास मार्ग।
- मलाशय के विकार जैसे बवासीर, एनल फिशर, कीड़े और त्वचा में फोड़े फुंसी आदि।
- मूत्राशय भरना।
- टेस्टोस्टेरोन पर आधारित दवाएं।
- गद्दे या कंबल के साथ संपर्क (रगड़) के कारण उत्तेजना।
धातु (धात) रोग का इलाज – Spermatorrhoea Treatment in Hindi
जानें की धातु रोग का उपचार कैसे किया जा सकता है ?
- सफल उपचार के लिए धातरोग की पैथोलोजी जाँच होना जरूरी होता है।
- एक अच्छी तरह से संतुलित, पौष्टिक आहार खाएं।
- शराब आदि से दूर रहें,
- रात के समय कम खाना खाएं,
- बिस्तर छोड़ने के बाद मूत्र त्याग करें।
- थोड़े कठोर गद्दों पर सोने की कोशिश करें।
- रात को सोते समय चिपके कपड़ों का इस्तेमाल ना करें।
- सुबह (ब्रह्म मुहूर्त में) जल्दी उठने की कोशिश करें, यह वीर्यपात की समस्या आम तौर पर सुबह के समय ही होती है।
- विवेकपूर्ण विचारों में ध्यान लगाने की बजाए अपनी एनर्जी तथा क्षमता को रचनात्मक और निर्माणकारी कार्यों में लाने की कोशिश करें।
- पेट सॉफ रखने की कोशिश करें ताकि बवासीर और अन्य गुदा संबंधी विकारों की जांच की जा सके।
- जननांगों को पूर्ण तरीके से सॉफ सुथरा रखें, ताकी जलन और उसके कारण होने वाले अनैच्छिक वीर्यपात की जांच की जा सके।
धातु रोग के इलाज के लिए कीगल एक्सरसाइज करें –
जब आप जान लेते हैं कि कौनसी मांसपेशी को टारगेट करना है, तब कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) करने में काफी आसान हो जाती है। यह पेशाब के दौरान अपनी मांसपेशियों का पता लगाने के सबसे आसान तरीका है –
- आधा पेशाब त्याग करने के बाद बाकी के पेशाब को रोकने या धीरे-धीरे करने की कोशिश करें।
- अपने नितंबों, टांगों या पेट में मांसपेशियों में तनाव या खींचाव उत्पन्न ना करें, और ना ही अपनी सांसों को रोकने की कोशिश करें।
- जब आप अपने मूत्र की धारा को धीमा या बंद करने में सफल हो जाते हैं, तो आप उस मांसपेशी पर नियंत्रण पा लेते हैं।
- यदि क़ब्ज़ की समस्या हुई है तो उसका पता जल्द से जल्द लगा लिया जाना चाहिए और उसका ईलाज भी कर दिया जाना चाहिए।
कीगल व्यायाम करने के लिए –
- 5 तक धीरे-धीरे गिनती करें, और अपने इन मांसपेशियों को सिकोड़ें।
- और फिर ऐसे ही 5 गिनते हुऐ धीरे-धीरे वापस खोलें।
- इस प्रक्रिया को 10 बार करें।
- 10 बार केगल के सेट को दिन में कम से कम 10 बार करें।
और पढ़ें – माहियाओं में सेक्स इच्छा की कमी
धातु (धात) रोग के डॉक्टर:
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Nice blog…. Its very informative
Thanks you
Thanks
सर् मेरे लिंग से हमेशा लार की तरह चिपचिपा पानी निकलता है लैट्रिन के समय भी बहुत निकलता है लड़की से बात करने मे भी निकल जाता है
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Sir mere huby ko ye ghaat ki prblm h bht lambbe samy se h or wo bht hi duble ho gye h bht dwa khaye bht doctr dikhaya pr shi n ho rha unka sharir aadha ho gya h plz sir kuch advise btaye kaise shi hoga ye koi bhout bdi prblm to n h wo bhout chidhchidhe ho gye bht dard rehta h kamr me unke pure badn me
Hell.
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